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Saturday, April 2, 2016

ज़िन्दगी के पड़ाव!

विभिन्न आयु के छात्रो का सबसे अच्छा सामूहिक उदाहरण:

पहली से तीसरी कक्षा तक: मुझे तो पूरा पर्चा आता था।

चौथी से छटी कक्षा तक: यार 8 नंबर वाला प्रश्न तो बहुत मुश्किल था मैंने सिर्फ उसे ही छोड़ा है।

सातवी से दसवी कक्षा तक: मैंने तो सिर्फ मुख्य ही प्रश्न किये हैं।

ग्यारवी कक्षा में: मुझे लगता है पास होने के लिए चार पाठ पढ़ना बहुत है।

बाहरवीं कक्षा: कल पेपर कौन सा है यार।

और कॉलेज के दिनों में: सालों बता तो देते आज पेपर है, मैं तो पेन भी नहीं लाया।

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