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Wednesday, April 27, 2016

कुदरत का करिश्मा

कुदरत ने औरत को हसींन बनाया।

खूबसूरती दी।

चाँद सा चेहरा दिया। 

हिरणी सी आँखें दी।

मोरनी जैसी चाल दी।

रेशम से बाल दिए।

कोयल जैसी मीठी आवाज़ दी।

फूल सी मासूमियत दी।

गुलाब से होंठ दिए।

शहद सी मिठास दी।

प्यार भरा दिल दिया।

और फिर....

फिर क्या हुआ जानते हो?

एक ज़ुबान दी।
और सब सत्यानाश हो गया।

हर वक़्त टर्र, टर्र, टर्र।

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