4 दिनों का प्यार ओ रब्बा बड़ी लंबी जुदाई। 4 दिनों की चाँदनी फिर अँधेरी रात। 4 किताबें तो पढ़ ली, अब 4 पैसे भी कमा लो। आखिर हमारी भी 4 लोगों में इज़्ज़त है। ये बात 4 लोग सुनेंगे तो क्या कहेंगे कि 4 दिन की आई बहु ने ये कमाल कर दिया। 4 दिन तो घर में टिक के बैठ जाती। तुम से क्या 4 कदम भी नहीं चला जाता? वो आई और 4 बातें सुना कर चली गयी। 4 बोतल वोडका काम मेरा रोज़ का। |
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