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Wednesday, April 6, 2016

हमारे जीवन में 4 नंबर की महत्ता:

4 दिनों का प्यार ओ रब्बा बड़ी लंबी जुदाई।

4 दिनों की चाँदनी फिर अँधेरी रात।

4 किताबें तो पढ़ ली, अब 4 पैसे भी कमा लो।

आखिर हमारी भी 4 लोगों में इज़्ज़त है।

ये बात 4 लोग सुनेंगे तो क्या कहेंगे कि 4 दिन की आई बहु ने ये कमाल कर दिया।

4 दिन तो घर में टिक के बैठ जाती।

तुम से क्या 4 कदम भी नहीं चला जाता?

वो आई और 4 बातें सुना कर चली गयी।

4 बोतल वोडका काम मेरा रोज़ का।

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