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Thursday, March 31, 2016

पुरुष!

भगवान की ऐसी रचना जो बचपन से ही त्याग और समझौता करना सीखता है। 

वह अपने चॉकलेटस का त्याग करता है अपने दांत बचाने के लिये। 

वह अपने सपनो का त्याग कर माता-पिता की खुशी के लिये उनके अनुसार कैरियर चुनता है। 

वह अपनी पूरी पॉकेट-मनी गर्लफ़्रेंड के लिये गिफ़्ट खरीदने में लगाता है। 

वह अपनी पूरी जवानी बीवी-बच्चों के लिये कमाने में लगाता है। 

वह अपना भविष्य बनाने के लिये लोन लेता है और बाकी की ज़िंदगी उस लोन को चुकाने में लगाता है। 

इन सबके बावज़ूद वह पूरी ज़िंदगी पत्नी, माँ और बॉस से डांट सुनने में लगाता है। 

पूरी ज़िंदगी पत्नी, माँ, बॉस और सास उस पर कंट्रोल करने की कोशिश करते हैं। 

उसकी पूरी ज़िंदगी दूसरों के लिये ही बीतती है। 

इसलिए हमेशा एक पुरुष का सम्मान करें|

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